कब आएगी 26/11 के गुनाहगारों की बारी
ओसामा बिन लादेन का अंत अमेरिका के लिए भले ही ऐतिहासिक उपलब्धि हो, लेकिन भारत के आतंक रोधी तंत्र के लिए यह ऐतिहासिक चुनौती बन कर आया है।
अमेरिका ने भले ही पाकिस्तान में छुपे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के मुख्य आरोपी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया हो, लेकिन भारत में पिछले 20 सालों में तीन दर्जन से अधिक आतंकी हमले और उनमें 1600 से अधिक लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार एक भी आतंकी को सजा नहीं मिल सकी है। हमले के लिए जिम्मेदार जिन आतंकियों को गिरफ्तार भी किया गया, उनके खिलाफ अदालती कार्रवाई का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि कार्यवाही करने वालों और निर्णय सुनाने वालों का कोई अपना इन आतंकी हमलों में मारा नहीं गया है |1993 में मुंबई बम धमाकों को 26/11 के बाद भारत में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जाता है। 300 से अधिक लोगों की मौत और 700 से अधिक को घायल करने वाले एक के बाद एक 12 धमाकों ने देश की आर्थिक राजधानी को हिलाकर रख दिया था। लेकिन अभी तक इसके एक भी आरोपी को सजा नहीं हो पाई है। क्या सिर्फ ओसामा के मारे जाने की ख़ुशी मनाना भारतियों के उन झकमों पे मरहम लगा सकती है जो ये आतंकी पिछले कई दशकों से हमें देते आयें हैं. क्या भारत और हम भारतीय नागरिक इंतज़ार कर रहे हैं की कब कोई और आतंकी हमला हो और और हममें से ही कुछ लोग इस आग की भेट चढ़ जायें.
हमारा मुजरिम कसाब तो हमारे हातों में हैं| फिर भी उसे वि.आई.प जैसे बर्ताव किया जा रहा है.
समय आ गया है जब इन सत्ता रूडी राजनितिक पार्टिओं कोई दरनिकार कर के हम भारतीय होने का फ़र्ज़ निभाएं और अपने समाज से इस आतंकवाद नामक विष को धो डालें.